01 May 2011

हर व्यक्ति में भगवान

'हर व्यक्ति में भगवान'
भगवान प्रेम के भूखे है, उन्हें तो सिर्फ प्रेम से प्राप्त किया जा सकता है, मनुष्य  भगवान को तलाशने के  लिए इधर- उधर भटकता है ,लेकिन वह तो हर  व्यक्ति में विधमान है |

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