KABIR उजाला दर्पण
01 May 2011
सदगुरू कबीर देव का मूल - मंत्र
बन्दे करिले आप निबेरा ||
आपु जियत लखु आप ठोर करु, मुये कहा घर तेरा ||
यह औसर नहि चेतहु प्राणी, अंत कोई नहि तेरा ||
कहहि कबीर सुनो हो सन्तो, कठिन काल को घेरा ||
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